केमद्रुम योग
प्रिय पाठक गण: :- जन्म कुंडली निर्माण के बाद कुंडली का फलादेश किया जाता है इसे फलादेश प्रकरण कहा जाता है । फलादेश प्रकरण मे पंच महापुरुष योग के बाद जिन योगो का विशेष वर्णन किया जाता है उसमे अनफा, सुनफा ,दुरूधरा और केमद्रुम योग है यह सभी योग चंद्रमा से बनता है इन योगो मे विशेष महत्वपूर्ण और हानिकारक योग केमद्रुम योग है इसलिये सबसे पहले हम केमद्रुम योग का वर्णन कर रहे हैं । केमद्रुम योग जितना चर्चित है उतना ही विवादित भी है इसमे कई प्रकार की भ्रांतियां जुड गयी है जो इसके वास्तविक स्वरूप को विकृत कर रहा है इसलिये इस पर लिखना आवश्यक हो गया था । सबसे पहले हम यह जानते है कि केमद्रुम योग बनता कैसे है इस संबंध मे मानसागरी के इस श्लोक को देखना चाहिए जो बहुत ही सहज है रविवर्जद्वादशगैनफा चन्द्रात् द्वितीयगै: सुनफा । उभयस्थिततैर्दुरूधरा केमद्रुम संज्ञको$तो$न्य: ।। अर्थात् यदि सूर्य को छोड़कर कोई भी ग्रह चंद्रमा से द्वादश भाव मे स्थित हो तो अनफा योग होता है ।और यदि सूर्य को छोड़कर कोई भी ग्रह चंद्रमा से द्वितीय मे हो तो सुनफा योग होता है तथा यदि सूर्य को छोड़कर कोई भी ग्रह चंद्रमा के ...