भयात भभोग निकालने की विधि ।

जन्म पत्रिका मे भयात भभोग का बहुत महत्व होता है भयात भभोग इतने उपयोगी होते है कि इसके विना ज्योतिष का कोई भी कार्य सम्पन्न नही हो सकता है अतः ज्योतिष कार्य के लिये भयात भभोग आवश्यक है ।

भयात  के लिये शास्त्रों मे लिखा है ।

नक्षत्रारम्भत: स्वेष्टकालं यावद् गतं हि तत् ।
घटयादिकं भयातं तद भस्य भोगो भभोग:।।

वर्तमान नक्षत्र आरंभ से लेकर इष्टकाल पर्यंत जितना समय (घटी पल) व्यतीत हुआ हो वह भयात होता है और नक्षत्र के आरंभ से अंत तक का समय (घटी पल) भभोग कहलाता है । इस प्रकार से पंचांग मे नक्षत्र के घटी पल देखकर सहजता से भयात भभोग बन जाता है ।

इसे और सहज रूप से समझने के लिये दूसरे सूत्र का प्रयोग करना चाहिए जो बहुत ही सहज है ।

षष्टया गतर्क्षघट्याद्यं शोध्यं स्वेस्ट घटी युतम ।
भयातं स्यात् तथा स्वर्क्षघटीयुक्तं भभोगक: ।।
गत (वर्तमान से पहला नक्षत्र की पंचांगस्थ घटी को 60 मे घटा कर शेष मे इष्टकाल जोडने से भयात होता है और उसी शेष मे वर्तमान नक्षत्र की पंचांगस्थ घटी पल जोडने से भभोग होता है ।
नोट- पंचांगर्क्षघटी मानादिष्टकालो$धिकस्तदा ।
        तदन्तर भयातं स्याद् भभोग: पूर्ववत सदा ।।
यदि पंचांग मे गत नक्षत्टी पल से इष्टकाल की घटी पल अधिक हो तो इष्टकाल मे गतनक्षत्र की घटी पल घटा लेने से भयात होता है और भभोग उपरोक्त प्रकार से ही बनाना चाहिए ।

                             ।। उदाहरण ।।
माना कि हमे 1 अप्रैल 2017 को सायं 4.00 बजे वाराणसी का भयात भभोग निकालना है ।
सबसे पहले हम वाराणसी का 1 अप्रैल 2017 का सूर्योदय निकालने के लिये पंचांग मे देखा तो 5.52 पर सूर्योदय लिखा मिला इसको रेलवे अंतर +2 से संस्कार किया तो काशी का स्टैंडर्ड सूर्योदय 5.54 आया इसको जन्म समय सायं 4.00 अर्थात् 16.00 मे घटाया तो 10.06 आया इसको घटी पल बनाने के लिये 5 से गुणा कर 2 से भाग दिया तो 25.15 आया । यह 25.15 ही इष्ट काल है अर्थात् घटी पल मे यह जन्म समय है ।
 1 अप्रैल 2017 को कृतिका नक्षत्र की समाप्ति काल दिन 8.15 है जन्म समय सायं 4.00 है इसका अर्थ है जातक का जन्म कृतिका उपरांत रोहिणी मे हुआ है अतः वर्तमान नक्षत्र रोहिणी है और गत नक्षत्र कृतिका है जिसका समाप्ति समय 5.58घटी पल है ।


सूत्रानुसार इष्टकाल के घटी पल से कृतिका का पंचांगस्थ घटी पल कम होने से इष्ट काल 25.15 मे 5.58 घटाया तो 19.17 घटी पल आया अतः यह 19.17 घटी पल भयात है ।
भभोग बनाने के लिये हमने 60 मे 5.58 घटाया तो 54.02 आया इसमें वर्तमान नक्षत्र घटी पल 1.47 जोडा तो 55.49 आया इसको भभोग कहा जाता है । यही भभोग है ।
भभोग निकालने का एक सरल तरीका ये भी है वर्तमान नक्षत्र की घटी पल मे गत नक्षत्र की घटी पल घटाने से भभोग निकल जाता है जैसे वर्तमान नक्षत्र 1.47 मे गत नक्षत्र 5.58 घटाया तो 55.49 आया । यंहा 1. 47 का मतलब 61.47 है क्योंकि 1.47 मे 5.58 नही घटेगा इसलिए 1.47 मे 60 जोडकर 5.58 घटाया जायेगा ।
दोनो विधि से भभोग का मान एक बराबर है ।



टिप्पणियाँ

Jitendra Arora ने कहा…
बहुत सुंदर है यह जानकारी दी जो आपने दी है।

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