तिथि समाप्ति काल निकालने की विधि

प्रिय पाठक गण
                      भारतीय ज्योतिष मे तिथि एक महत्वपूर्ण अंग है इसके द्वारा मुहूर्त, व्रत, त्यौहार आदि का आरंभ काल तथा समाप्ति समय सहजता से जानकारी प्राप्त किया जाता है ।
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जिस प्रकार हम ईस्वी सन् मे दिन को तारीखों से जानते है वैसे ही चंद्र मासो के दिनो को तिथियों के रूप मे जाना जाता है ।
ईस्वी कैलेण्डर मे एक वर्ष 365 दिनो का होता है और चंद्र वर्ष 354 दिन के होते है ।
एक चंद्र मास मे 29 दिन 12 घंटा 44 मिनट 2.9 सेकेण्ड होते है । प्रत्येक मास को 30 तिथियों मे विभाजित किया जाता है । एक तिथि की औसत अवधि 23 घंटा 37 मिनट 28.096 सेकेण्ड होती है । परन्तु चंद्रमा व सूर्य की असमान दैनिक गति के कारण तिथि समान अवधि की नही होती है ।
तिथि का तात्पर्य क्या है इसको समझते है एक भचक्र के 360 अंशों को 30 भागो मे बांटा गया है । प्रत्येक तिथि की कोणात्मक मान 12 अंश का होता है । सूर्य से चंद्रमा की प्रत्येक 12 अंश की दूरी को एक तिथि कहा जाता है ।इस प्रकार सूर्य एवं चंद्र के राश्यांतर के अनुसार शून्य पर अमावस्या 12 अंश पर प्रतिपदा 180 अंश पर पूर्णिमा 192 अंश पर कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा या 16 वी तिथि भी कहा जाता है इसी क्रम मे आगे भी समझना चाहिए ।
चंद्रमा एक दिन मे लगभग 13 अंश अपने पथ पर आगे बढता है लेकिन सूर्य भी पृथ्वी के संदर्भ मे 1 अंश आगे बढता है जिससे चंद्रमा की बढत 13-1=12 अंश ही रह जाता है इससे यह सिद्ध होता है कि तिथि की गति चंद्रमा व सूर्य की गति के अंतर के बराबर है । यही कारण है कि तिथि सूर्योदय से सूर्योदय तक नहीं रहकर जब चंद्र व सूर्य का राश्यंतर 12 पुरा होते ही एक तिथि समाप्त होकर दूसरी तिथि प्रारंभ हो जाती है ।
आइये हम लोग इसको समझने के लिये एक उदाहरण लेते है ।
30/3/17 को वाराणसी मे कौन सी तिथि होगी और उसकी समाप्ति काल क्या होगा ।


तो सबसे पहले सूर्य के 24 घंटे का गति निकालेंगे ।जैसे 31/3/17 को प्रातः सूर्य स्पष्ट 11.16.22.17 है और 30/3/17 को प्रातः सूर्य स्पष्ट 11.15.22.39 है ।
दोनो का अंतर 59 कला 18 विकला है ।
यह 59 कला 18 विकला 24 घंटे की गति है तो 12 घंटे की गति निकालने के लिये 2 से भाग दे जैसे 59.18 ÷2 =29.39 आया ।
अब 30/3/17 के प्रातः सूर्य स्पष्ट 11.15.22.39 मे 29.39 जोडा तो 11.15.52.18 आया ये सायं 5.30 का सूर्य स्पष्ट है ।
अब चंद्रमा स्पष्ट से भी चंद्र गति निकालना होगा । इसके पहले हम चंद्रमा की स्पष्ट मान नोट करना होगा जैसे 31/3/17 को प्रातः 5.30 का चंद्र स्पष्ट 12.25.41.16 और 30/3/17 को सायं 5.30 का चंद्र स्पष्ट 12.18.18.48 और 30/3/17 की प्रातः 5.30 का चंद्र स्पष्ट 12.10.56.18 नोट किया ।
अब चंद्रमा की गति निकाले । सबसे पहले हम पहले 12 घंटे का चंद्र गति निकालेंगे ।
अतः 30/3/17 के सायं चंद्र स्पष्ट 12.18.18.48 मे प्रातः का चंद्र स्पष्ट 12.10.56.18 घटाया तो 0.7.22.30 आया ।
इसी प्रकार अंतिम 12 घंटे की गति निकाले जैसे 31/3/17 के प्रातः 5.30 के चंद्र स्पष्ट 12.25.41.16 मे 30/3/17 को सायं 5.30 का चंद्र स्पष्ट 12.18.18.48 मे घटाया तो 0.7.22.28 आया ।
अब चंद्रमा सूर्य की राश्यंतर निकाले जैसे- पहले प्रातः का निकाला यथा 30/ 3/17 के प्रातः 5.30 का चंद्र स्पष्ट 12.10.56.18 मे सूर्य स्पष्ट 11.15.22.39 घटाया तो 0.25.35.39 आया ।
अब इसी प्रकार सायं का निकाले जैसे 30/3/17 के सायं चंद्र स्पष्ट 12.18.18.48 मे सायं का सूर्य स्पष्ट 11.15.52.18 घटाया तो 1.2.26.30 आया ।
अब देखे प्रातः चंद्र सूर्य राश्यंतर 0.25.35.39 है और 1 तिथि का कोणात्मक मान 12 अंश है अतः 25 अंश मे 12 मे से भाग दिया तो 2 भागफल और कुछ शेष आया इसका मतलब है 2 तिथि समाप्त हो चुकी है और तीसरी तिथि चल रही है अर्थात् 30/3/17 को तृतीया तिथि है ।
इसकी समाप्ति काल जानने के लिये अब देखे तृतीया तिथि के कोणात्मक मान 12 ×3=36 से सायं का चंद्र सूर्य राश्यंतर 1.2.26.30 अर्थात्क 32 अंश 26 कला 30 विकला कम है अतः इससे सिद्ध होता है कि तृतीया तिथि की समाप्ति काल 30/3/17 को सायं 5.30 के बाद है ।
अब उस समाप्ति काल निकालने के लिये हमे 36 अंश मे सायं के राश्यंतर घटाना होगा जैसे 36.00.00 मे 32.26.30 घटाया तो 3.33.30 आया ।
अंतिम 12 घंटे की चंद्र गति मे 12 घंटे का सूर्य गति घटाया तो 0.7.22.28 मे 29.39 घटाया तो 6.52.41 चाल आया ।
अब इसको त्रैराशिक प्रकार से गणित करने पर निम्न फल आया जैसे 12×3.33.30 ÷6.52.41 अर्थात् 12×12810 ÷24761 है अर्थात् 153720÷24761 =6.12 है इसको सायं 5.30 मे जोडा तो रात्रि 11.42 आया अर्थात् 23.42 रेलवे समय अनुसार तृतीया तिथि की समाप्ति काल आया ।
इसको घटी पल मे लिखने के लिये 23.42 मे सूर्योदय घटाकर 5 से गुणा कर 2 से भाग देने पर घटी पल मे वाराणसी का तिथि समाप्ति काल होगा ।
जैसे 23.42 मे सूर्योदय 5.53 घटाया तो 17.49 आया इसको 5 से गुणा किया तो 85.05 आया इसमें 2 से भाग दिया तो 44.32 आया ये वाराणसी का घटी पल मे तृतीया तिथि की समाप्ति काल है इसका मतलब है सूर्योदय 44.32 घटी पल के बाद तृतीया तिथि समाप्त होगी ।

नोट- (1)कुछ तिथि क्षय अर्थात् टूट जाती है और कोइ तिथि दो दिन होती है इसका मतलब है कोई तिथि घट जाती है और कोइ बढ जाती है ।
क्षय तिथि- उसे कहते हैं जो आरंभ और अंत मे किसी भी दिन सूर्योदय का स्पर्श न करे तो वह तिथि क्षय होती है ।

(2) वृद्धि तिथि उसे कहते हैं जो दोनो दिन सूर्योदय को स्पर्श करे वह वृद्धि तिथि होती है ।

(3)तिथि का घटना बढना स्थान विशेष के सूर्योदय पर आधारित होता है 

यह लेख आपको कैसा लगा आप हमे जरूर बताये हम आपके उतर की प्रतीक्षा करेंगे ।



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