नक्षत्र समाप्ति समय निकालने की विधि

प्रिय पाठक गण-
                     भारतीय ज्योतिष मे नक्षत्र का बहुत ही महत्व है । मानव जन्म के समय चंद्रमा जिस नक्षत्र मे होता है उसी के आधार पर उसकी राशि और राशि नाम तथा दशा आदि का निर्धारण किया जाता है अतः इसकी जानकारी तथा इनकी समाप्ति काल बहुत ही सावधानीपूर्वक निकालना चाहिए क्योंकि अगर ये गलत निकला तो राशि नाम और दशा आदि की गणना सही नहीं हो पायेगा जिससे फलित भी प्रभावित हो जायेगा । ग्रहपथ के 360 अंशों को 12 राशि मे बांटा गया है एक राशि 30 अंश की होती है ।
पंच्चांग देखने की विधि जानने के लिये यहां क्लिक करे ।
इन्हीं 360 अंशों को 27 भागों में बांट कर 27 नक्षत्र का निर्धारण किया गया है हर नक्षत्र का कोणात्मक मान 13अंश20 कला है । मगर यह कोणात्मक मान क्रम मे है जैसे अश्विनी नक्षत्र का कोणात्मक मान 13 अंश 20 कला है तो भरणी नक्षत्र का कोणात्मक मान 26 अंश 40 कला है इसी क्रम से रेवती नक्षत्र का कोणात्मक मान 360 अंश अर्थात् 12 राशि होता है ।
चंद्रमा 27 दिन 7 घंटे 43 मिनट 11.3 सेकेण्ड मे पृथ्वी की एक परिक्रमा करता है इसे 1 चंद्र मास कहा जाता है और इसी 1 चंद्र मास मे 27 नक्षत्र व्यतीत होते है । मगर चंद्रमा की असमान गति के कारण नक्षत्र का समाप्ति समय एक समय नही रहता है कभी ज्यादा कभी कम होता रहता है ।इसलिए इसकी समाप्ति समय निकालना पडता है । नक्षत्र समाप्ति काल निकालने की विधि मै उदाहरण सहित लिख रहा हूं ।
उदाहरण- वाराणसी मे दिनांक 29/3/17 को नक्षत्र और उसकी समाप्ति काल ग्यात करना है ।
इसके लिए सबसे पहले 29/ 3/2017 को प्रातः 5.30 और सांय 5.30 का चंद्र स्पष्ट लिख ले साथ ही 30/3/2017 का प्रातः का चंद्र स्पष्ट भी लिख ले ।
जैसे 30/3/17 का प्रातः 5.30 का चंद्र स्पष्ट 12.10.56.18 है ।
29/3/17 का सायं 5.30 का चंद्र स्पष्ट 12.03.34.47है
29/3/17 का प्रातः 5.30 का चंद्र स्पष्ट 11.26.15.11 है ।
अब ध्यान देने की बात है की 29/3/17 को प्रातः 5.30 का चंद्र स्पष्ट होने से यह सिद्ध होता है कि मीन राशि का चंद्रमा है अर्थात् मीन राशि का तात्पर्य है बारहवीं राशि है और बारहवीं राशि रेवती नक्षत्र का कोणात्मक मान है अर्थात् 29/3/17 को रेवती नक्षत्र है ।


अब ये जानते है कि रेवती नक्षत्र की समाप्ति समय क्या है ।
इसके लिए सबसे पहले 29/3/17 के प्रातः और सायं के चंद्र स्पष्ट को देखे तो पता चला की चंद्रमा प्रातः काल मे रेवती के कोणात्मक मान 12 से कम है और शाम को 12 से अधिक है इसका मतलब है सायं 5.30 के समय अश्विनी नक्षत्र हो चुका था तो यह सिद्ध होता है कि रेवती का समाप्ति काल सायं 5.30 से पहले ही है । मगर कब ये जानने के लिये हम चंद्रमा की 12 घंटे की गति निकालेंगे जैसे हमने निकाला ।
सायं का चंद्र स्पष्ट 12.3.34.47 मे प्रातः का चंद्र स्पष्ट 11.26.15.11 घटाया तो 0.7.19.36 आया ।
प्रातः 5.30 से रेवती नक्षत्र कितना समय तक रहा है ये जानने के लिये रेवती के कोणात्मक मान 12.00.00.00 मे प्रातः 5.30 का चंद्र स्पष्ट 11.26.15.11 घटाया तो 0.3.44.49 आया ।
अब त्रैराशिक विधि से गणित करे जैसे 12 ×3/44/49 ÷7/19/36 अर्थात् 161868 ÷26376=6 घंटा 8 मिनट आया ।
इसको प्रातः 5.30 मे जोडा तो रेवती नक्षत्र का समाप्ति काल 11.38 आया ।
स्टैंडर्ड टाइम पुरे भारत मे 11.38 AM ही रहेगा मगर वाराणसी का समय घटी पल मे निकालने के लिये 11.38 मे सूर्योदय घटाकर 5 से गुणा कर 2 से भाग देने पर वाराणसी का घटी पल मे रेवती नक्षत्र की समाप्ति काल आ जायेगा ।
जैसे- 11.38 मे सूर्योदय 5.54 घटाया तो 5.44 आया इस 5.44 मे 5 से गुणा किया तो गुणनफल 28.40 आया इसमें 2 से भाग दिया तो 14.20 आया यह घटी पल बताता है की सूर्योदय से इतने घटी पल बाद रेवती नक्षत्र की समाप्ति समय होगा ।
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यह लेख आपको कैसा लगा बताने की कृपा जरूर करेंगे हम आपके उतर की प्रतिक्षा करेंगे ।

टिप्पणियाँ

Unknown ने कहा…
जी गुरुवर ये त्रैराशिक गणितिय विधी और सरल तरीके से बताए, प्रणाम
Unknown ने कहा…
त्रैराशिक गणितीय विधी कृपया बताए, प्रणाम

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