पंचांग देखने की विधि

परम आदरणीय पाठक गण, -
भारत मे पंचांग का बहुत महत्व है ज्योतिष के हर कार्य के लिये पंचांग का ही प्रयोग किया जाता है ।
पंचांग मतलब पांच अंग अर्थात् तिथि, वार ,नक्षत्र, योग-करण , और मुहूर्त ये ही है पंचांग के पांच अंग ।
हमारे दैनिक जीवन मे पंचांग की बहुत जरूरत होती है । तिथि, नक्षत्र ,करण ,योग ,पर्व ,व्रत ,पंचक ,भद्रा आदि की जानकारी हमे पंचांग द्वारा आसानी से प्राप्त हो जाता है ।आइये आज हम पंचांग देखने का तरीका बताते है कि किस प्रकार से हम पंचांग के द्वारा बहुत से कार्य कर सकते है ।
सबसे पहले हम काशी की पंचांग से शुरुवात करते है इस पंचांग मे हर मास के दोनो पक्षों के अलग-अलग पृष्ठ होता है हमारे भारत मे चैत्र शुक्ल पक्ष से पंचांग आरंभ होता है यह भारतीय हिंदी वर्ष का पहला मास है ।तो सबसे पहले हम चैत्र शुक्ल पक्ष का पृष्ठ खोलते है आप देखेंगे सबसे उपरी भाग मे श्री संवत् शक संवत् अयन गोल और ऋतु आदि लिखा मिलेगा इससे आपको पता चलता है कि इस वर्ष संवत् संख्या क्या है शक संवत् संख्या क्या है साथ ही उत्तरायण दक्षिणायन गोल और कौन सी ऋतु है इसका पता आसानी से आपको मिल जायेगा । ठीक इसके नीचे एक लंबी लाइन मिलेगा जिसमें क्रम से दिनमान,तिथि, दिन, घटी पल, घंटा मिनट, नक्षत्र, घटी पल, घंटा मिनट, योग, घटी पल, घंटा मिनट, करण , घटी पल, अंग्रेजी दिनांक, फसली,सौर आदि चंद्र राशि प्रवेश, सूर्योदय, सूर्यास्त, क्रांति, रेलवे अंतर और चंद्रास्त है । आप इसे चित्र में देख सकते है ।
इस लाइन मे सबसे पहले दिनमान है जो घटी पल मे लिखा है आप जिस तारीख का दिनमान देखना चाहते है उस तारीख के लाइन मे चले जाये जंहा दिनमान लिखा है वो उस दिन का दिनमान है उसके आगे तिथि लिखा है एक पक्ष मे 15 तिथि होती है मगर ये कभी बढ और घट भी जाती है तो इस लाइन से उस दिनांक ता तिथि देख लेंगे उसके आगे दिन लिखा है सप्ताह के सात दिनो मे उस दिनांक को कौन दिन है ये पता चलेगा उसके आगे घटी पल और घंटा मिनट है ये तिथि समाप्ति का समय है जो घटी पल और घंटा मिनट दोनो मे है उसके आगे नक्षत्र लिखा है और फिर घटी पल घंटा मिनट है ये नक्षत्र समाप्ति का समय घटी पल और घंटा मिनट मे है इसके आगे योग है और पुनः घटी पल और घंटा मिनट है जो योग समाप्ति का समय है । इसके आगे करण है इनके समाप्ति का समय घटी पल मे है फिर अंग्रेजी दिनांक है इसके आगे फसली सौर आदि संवत् संख्या है और इसके बाद चंद्र राशि प्रवेश घटी पल मे है फिर सूर्योदय सूर्यास्त घंटा मिनट मे है आगे क्रांति घटी पल मे है फिर रेलवे अंतर है और अंत मे चंद्रास्त घंटा मिनट मे है इस प्रकार से सहजता से तिथि नक्षत्र योग करण और समाप्ति काल का ग्यान प्राप्त किया जा सकता है ।
पंचांग के दूसरे भाग मे दिनांक की अगली लाइन मे है भद्रा उस दिन पडने वाले पर्व आदि जैसे बहुत सी बातें लिखी होती है जो हमारे लिए जरूरी होता है ।
पंचांग की तीसरा भाग वह है जंहा दैनिक स्पष्ट ग्रह के राशि अंश कला विकला लिखा होता है इससे ये पता चलता है कि इक्षित दिनांक को सूर्य चंद्रमा मंगल बुध आदि ग्रह किस राशि अंश कला विकला मे है ।
पंचांग के चौथे भाग मे विविध मुहूर्त लिखे है इससे यह पता चलता है कि अमुक तिथि को कौन कौन कार्य करने का मुहूर्त है ।
और पंचांग के पांचवे भाग मे हर तिथि का लग्न समाप्ति समय लिखा होता है इससे यह पता चलता है कि कौन लग्न कितने बजे से कितने बजे तक है ।
नोट- यह लेख आपको कैसा लगा अवश्य बताये ।
2- दिनमान तिथि नक्षत्र आदि कैसे परिवर्तन होते है इन सबकी चर्चा हम अगले लेख मे करेंगे ।

यह लेख आपको कैसा लगा आप जरूर बताये हम आपके उतर की प्रतिक्षा करेंगे ।


टिप्पणियाँ

Unknown ने कहा…
बहुत अछि जानकारी है आपके नंबर भी डालो ताकि संपर्क हो सके
Unknown ने कहा…
बहुत अछि जानकारी है आपके नंबर भी डालो ताकि संपर्क हो सके
Unknown ने कहा…
अति उत्तम
Unknown ने कहा…
अति उत्तम
Unknown ने कहा…
बहुत अच्छा
Unknown ने कहा…
Bache Ka name dekhani ke bede
Unknown ने कहा…
श्रीमान जी मेरी बेटी का जन्म 4 जून को 10,23 मिनट को हुआ उसकी राशि क्या होगा बताइयेगा
Unknown ने कहा…
बहुत ही सराहनीय
Unknown ने कहा…
बहुत बहुत धन्यवाद जी🙏💕
Unknown ने कहा…
Sar Jaise aapane yah samjhaya Hai kripya Sar aap Chandra spasht Samjha sakte hain Sar जी
Unknown ने कहा…
बहुत बहुत अच्छा
Unknown ने कहा…
मेरो को पजाग मगवाना है
J.p bhai ने कहा…
जी बहुत बहुत धन्यवाद श्री मान । पंचांग की इस महत्वपूर्ण जानकारी को नेट पर देने के आपके इस महान विचार का आदरपूर्वक हृदय से धन्यवाद👍🙏🙏
J.K.Sharma ने कहा…
Kisi vyakti ka dinmaan dekhna ho to kaise dekhe panchang me
Ramesh Dubey ने कहा…
बहुत अच्‍छा प्रयास। भारतीय परंपराओं से जनमानस को अवगत कराने का प्रयास सराहनीय है। रमेश कुुुुुमार दुबे, केंद्रीय सचिवालय सेेेेवा, उद्योग भवन, दिल्‍ली 9868321452
Unknown ने कहा…
अति सुन्दर

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