अन्तरिक्ष का रोमांच

जब टेलीविजन का अविष्कार हुआ था, तब टेलीविजन पर अनेक कार्य क्रम आने लगा था उन कार्यक्रमों में भी एक सुपरमैन के काल्पनिक चरित्र पर आधारित एक बेहद लोकप्रिय कार्यक्रम था। उस कार्यक्रम में एक परिदृश्य था जिसे देखकर सभी बोलते थे देखो “देखो ऊपर आसमान में यह क्या है क्या यह एक पक्षी है या यह एक विमान है अथवा यह कोई सुपरमैन है पर सुपरमैन क्या है हमारी संस्कृति में इसका कितना महत्वा है यदि विचार करके देखे तो दुनिया भर में सुपरमैन या सुपर पावर अथवा शक्तिशाली किरदार की कहानिया भरी पड़ी है और इन सभी चीजों पर विस्वास किया जाता है साथ ही इस बात पर जोर दिया जाता है कि प्रकृति और खगोल विज्ञान के बारे में सभी मनुष्यों में गहरी जिज्ञासा है, भले ही बहुत से लोग खगोल विज्ञान को नहीं मानते है । खगोल विज्ञान अब तक के सबसे पुराने विज्ञानों में से एक है । यंहा तक कि जब पुरातत्वविद् प्राचीन सभ्यताओं का पता लगाते हैं, तो वो भी, ऐसी शक्तियों के बारे में बताते हैं जो सितारों के साथ साथ अदम्य आकर्षण का केंद्र विन्दु होता है । जीवन का स्तित्व सर्वत्र है आप आसानी से "अन्य ग्रहों पर जीवन है"के विषय पर कहीं भी चर्चा प्राप्त कर सकते हैं। कई लोगों ने प्राचीन अनुभूति के परिणामस्वरूप या मानव जाति के अनन्त प्रकृति के हिस्से के रूप में बाहरी अंतरिक्ष के साथ मानव जाति के लगाव को समझने की कोशिश की है। कारण जो भी हो, हर उम्र और हर देश के लोग इस प्रकरण में गहरी रुचि रखते हैं, ब्रह्मांड के बारे में और अधिक जानने के लिए हमारा ग्रह सिर्फ एक हिस्सा है।
खगोल विज्ञान के एक उत्कृष्ट छात्र का वास्तविक आचरण केवल ज्ञान ही नहीं है बल्कि उनके प्रभावों को आत्मसात करने का तरीका भी है आपने कभी किसी खगोलविद के बारे में पूर्ण जानकारी नहीं देखे होंगे लेकिन इस विज्ञान के प्रेमियों के लिए उत्साह कभी कम नहीं होता है वह प्रयोगशाला में शक्तिशाली दूरबीन के माध्यम से ब्रह्मांड को देखने के लिए हमेशा तत्पर रहते है। नजरें हमेशा लक्ष्य पर लगी रहती है जबकि कोई अन्य तथ्य नहीं है जिस पर मानव आकर्षित हो सकता है आज भी वैज्ञानिक कभी मंगल ग्रह पर तो कभी चन्द्रमा पर खोजी विमान भेजते रहते है अंतरिक्ष पर प्राचीनकाल से लेकर वर्तमान समय तक अन्वेषण जारी है जैसे हर देश की राष्ट्रीय सीमाओं का निर्धारण होता है ऐसे ही अंतरिक्ष की सीमाओं का भी निर्धारण होता है हर देश अपनी अपनी सीमाओं में शोध का कार्य करते है और कभी कभी इन लेकर अंतरराष्ट्रीय दुश्मनी भी हो जाती है जैसे ओलंपिक आदि खेलों के दौरान होता है वैसे ही अंतरिक्ष में भी होता है मानव हर प्रकार से महानतम प्रगति प्राप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग के बिना भी विना किसी रुकावट के आगे बढ़ता जाता है, जबकी उन परियोजनाओं में सहयोग करने वाले राष्ट्र पृथ्वी की सतह पर भी एक दूसरे के पीछे लगे रहते हैं। जबकि यह एक अजीब बात है जंहा रूसी, अमेरिकी , भारत और अन्य अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष मिशन पर भाइयों की तरह एक साथ काम करते हैं, पर जब युद्ध की बात होती है तो राष्ट्र की कौन कहे उनके घर तक मिसाइलों की रेंज स्थापित कर देते हैं फिर भी यह वैज्ञानिक अंतरिक्ष में एक दूसरे के साथी ही होते है यह लगभग वैसे ही है जैसे वो इसका हिस्सा ही नहीं है इनका कार्य इनका लक्ष्य ही सबकुक्ष है क्या आपको ऐसा नहीं लगता है कि हमें अंतरिक्ष कार्यक्रम में अधिक ऊर्जा और पैसा लगाना चाहिए जबकि इसमें जोखिम बहुत है जब कभी इनके मिशन विफल होता है तो ऐसा लगता है कि देश थम गया है यह एक बंधन है जो तनाव पैदा करता है बजाय इसे सभी करना चाहते है। खगोल विज्ञान इतना रोमांचक क्यों है जबकि हमारे पास कोई इसका उतर नहीं है, लेकिन इसके रोमांच से कोई वंचित नहीं है अभी हाल ही में भारत के चंद्रयान का लैण्डिंग विफल होने से विश्व ठहर सा गया था फिर सबकुछ छोड़कर अगले मिशन पर अग्रसित हो गए है यह वो जिज्ञासा है जिस पर से वापस नहीं जा सकते है आखिर अंतरिक्ष क्या है हम जानने के लिए क्यों लालायित है ऐसा प्रश्न बहुत से लोगों के मन में आता है और इसका उतर यह है कि सभी मनुष्यों को निवास के लिए आवास की जरुरत पड़ती है अगर हमें वंहा जीवन लायक संसाधन मिलता है तो हम हम अंतरिक्ष मे एक बड़े साम्राज्य के मालिक होंगे इसी जिज्ञासा में दिन रात वैज्ञानिक लगे है और ऐसा भविष्य में हो सकता है कि ग्रहो को स्टार को ट्रेस करते करते हम वंहा पहुँच जाये जंहा अंतरिक्ष की "अंतिम सीमा" है।
परन्तु हम सभी इस उत्साह को जारी रखते हैं हर बार जब हम अपनी दूरबीनों को बाहर निकालते हैं और हम अपने ऊपर सीधे ब्रह्मांड को देखते हैं। हमें लगता है कि हम समय को बहुत करीब में देख रहे हैं। पर हम प्रकाश की गति के साथ अंतरिक्ष के प्रकाश में अर्थात बाहर टिमटिमाते सितारों में प्रकाशित है अर्थात उन सितारों में प्रकाश हैं जो हजारों साल पहले हमारे लिए अपनी यात्रा शुरू की थी, हम वास्तव में हर बार सीधे अतीत की ओर देख रहे होते हैं और हमारी आँखें आकाश की ओर देखती रहती है । लेकिन हमें अंतिम सीमा पर विजय पाने और अपनी जिज्ञासा को संतुष्ट करने के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। खगोल विज्ञान की दुनिया में सीखने और खोजने के लिए हमेशा कुछ और होगा। और यह संभावना है कि खगोल विज्ञान के बारे में मानव जाति की जिज्ञासा अनवरत रूप में जाग्रत रहेगी यह यात्रा तबतक चलेगी जबतक मानव इतिहास कायम रहेगा धन्यबाद ।

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