ज्योतिष में तकनीक {कंप्यूटर } का प्रयोग

प्रिय पाठक गण
विज्ञान के साथ साथ तकनीक का प्रयोग सदियों से होता आया है विना तकनीक के हम खोज नहीं कर सकते है इसी प्रकार ज्योतिष के सम्बन्ध में जानना चाहिए आज कल बहुत से लोग ज्योतिष में कम्प्यूटर के प्रयोग पर प्रश्न उठाते है पर वह यह नहीं जानते कम्प्यूटर एक संसाधन है जो हमारा बहुमूल्य समय बचाता है आप जरा कल्पना करे जब हमारे पास तकनीक नहीं था हमें कितनी लम्बी चौड़ी प्रक्रिया अपनाना पड़ता था प्रयोगशाला की जगह हम बेधशाला में बैठकर गुणा गणित किया करते थे हमारे पास मापन की तकनीक नहीं था संसाधन नहीं थे तब हम दुरी निकालने के लिए छ्या अंगुल आदि का प्रयोग करते थे पर आज हमारे पास संसाधन है हम सभी काम मशीनों से करते है | आज बेधशालाओ की जगह प्रयोगशाला ने ले लिया हम दूरबीन की जगह कंप्यूटर का प्रयोग कर रहे है सूक्ष्मदर्शी के जगह स्कैन का प्रयोग कर रहे है यह हमारे जीवन में बढ़ते तकनीक का प्रभाव है की जो कार्य महीनो में होता था उसे हम हप्तो में कर रहे है और जो कार्य हप्तों में करते थे वह हम घंटो में कर रहे है आज सारे संसार के लोग तकनीक को स्वीकार कर चुके है मगर हम ज्योतिष के सम्बन्ध में क्यों नहीं स्वीकार कर रहे है चिकित्सा के क्षेत्रों में तो हम तकनीक को ही सबकुछ मान रहे तो फिर ज्योतिष के साथ यह अन्याय क्यो। |
आज कंप्यूटर मानव जीवन का अहम् हिस्सा बन चूका है हमें इसका प्रयोग करना ही होगा याद कीजिये एक समय था जब टेलिस्कोप का निर्माण हुआ था तब जमाना दूरबीन का था इसलिए हम सभी कार्य दूरबीन से ही किया करते थे पर जब हमें पहली बार टेलीस्कोप मिला तो हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि यह सही काम करता है या नहीं, ऐसे कई कारण थे जिन पर हमें गंभीर चिंतन करना पड़ता था और हम सोचते थे कि इसे दूरबीन की तरह दिखनी चाहिए शायद यह हमरा पहला अनुभव होगा, जिसमें असली दूरबीन होगी उल्का बौछार देखने के लिए या सितारों पर टकटकी लगाने के लिए हमें इसकी आवस्यकता थी हम अपनी खोज की यात्रा से खगोल विज्ञान को एक स्वस्थ और संपन्न प्रेम करते थे और अपनी रुचि को देखते हुए यह देखा होगा कि कैसे दूरबीन के साथ अनुभव को बढ़ाया जाए और इसी जरुरत के साथ हम टेलीस्कोप के साथ खेलने लगे | संसार का यही नियम है सब आगे बढ़ता है पीछे मुड़कर कोई देखना नहीं चाहता है जब हम छोटे थे तो मिटटी के खिलौनों से खेलते थे फिर समय के साथ बदलाव हुआ और हम मिटटी के बजाय प्लास्टिक से बने खिलौनों से खेलने लगे अब हम बड़े हो चुके है अब हमें मिटटी और प्लास्टिक के खिलौने नहीं चाहिए हम आज मोबाइल ,लैपटॉप और कंप्यूटर से खेल रहे है समय बदल रहा है हमारी मानसिकता बदल रही है हम अपने जीवन में तकनीक को अपनाते जा रहे है कोई सेक्टर ऐसा नहीं है जंहा तकनीक ने परचम न लहराया हो चाहे वो कृषि का क्षेत्र हो या खेल का मैदान हो या चिकत्सा का क्षेत्र हो बैंकिंग क्षेत्र हो सर्वत्र कंप्यूटर का प्रयोग हो रहा है |
आज ज्योतिष क्षेत्र में भी कंप्यूटर का प्रयोग हो रहा है पर कुछ लोग संदेह करते है कुछ लोग कहते है इसका प्रयोग नहीं होना चाहिए आइये आज जानते है कंप्यूटर का भविष्य ज्योतिष के क्षेत्र में कितना है | मित्रो मेरा मानना है की जन्म पत्रिका निर्माण के कार्य में कंप्यूटर का प्रयोग अवस्य करना चाहिए क्योंकि कंप्यूटर अति सूक्षम गणित करता है हम हांथो से कभी भी इतना सूक्षम गणित नहीं कर पाएंगे तो जनम कुंडली के निर्माण में कंप्यूटर की अहम् भूमिका है इसके प्रयोग से शुद्ध कुंडली बनता है मानवीय भूल की संभावना नहीं होती है समय का बचत होता है हा फलादेश स्वयं करना चाहिए कंप्यूटर के फलादेश पर आश्रित नहीं होना चाहिए क्योंकि कंप्यूटर का फलादेश सामान्य होता है वह अलग पद्धति से बनाया गया है हमें वैदिक पद्धति के द्वारा फलादेश करना चाहिए |

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